मजदूर पर शायरी:: हमारे समाज मे एक वर्ग ऐसा है जिसकी कभी बात नहीं की जाती है, लेकिन उसका समाज मे होना बहुत ज़रूरी है हम बात कर रहे है इस देश के मजदूर वर्ग की, किसी भी देश के विकास मे मजदूर वर्ग की एक एहम भूमिका होती है, लेकिन समस्या यही है की कोई भी इनपर ज़्यादा ध्यान नही देता है, इनकी परेशानियों को नज़र अंदाज़ किया जाता है और इनके हक को मारा जाता है।
बात की जाए हमारी बॉलीवुड इंडस्ट्री की तो बहुत सी फिल्मो मे मजदूर के किरदार को निभाया गया है और वह किरदार लोगो द्वारा बहुत पसंद भी किया गया है, मजदूरों पर बहुत से गाने भी लिखें गए है और बहुत सी shayari भी मजदूरों के लीए लिखी गई है। आज के अपने इस लेख मे हम आपको मजदूर वर्ग पर बनी कुछ बेहतरीन shayari आपके साथ साझा करेंगे, तो अगर आपको मजदूर पर शायरी in Hindi पसंद है तो हमारे लेख को अंत तक ज़रूर पढ़े।
*** मजदूर पर शायरी in Hindi ***
यहां हर एक शख्स मजदूर है
कोई ज़्यादा पेसो के लिए Majduri कर रहा है
तो कोई दो वक़्त के खाने के लिए
लेकिन सभी कहीं ना कहीं सेवक है
अक्सर लोग कहते है मजदूर एक मजबूरी है
लेकिन Majdoori एक पेशा है
जो किसी के मकान को बनाकर
खुद के घर मे खुशियां लाती है।
अपने अरमानो को पूरा करने के लिए
घर मे खुशियां लाने के लिए
भूखे बच्चों को खाना खिलाने ले लिए
अगर मज़दूरी करनी पड़ती है
तो हाँ मे Mazdoor हूं
बच्चों की ख्वाहिश पूरा करने ले लिए
उनकी अच्छी शिक्षा के लिए
उन्हें एक बेहतर जीवन देने के लिए
ईंटो का बोझ और बढ़ा लेता हूं
मजदूर हूं ना साहब
Majdoori से ही पैसा कमाता हूं।
मेने अक्सर सुना था लोग मजबूरी मे
Majdoori करते है, लेकिन सच यह है की
हर वो बाप Majdur है जो अपने बच्चों की ख़ुशी
के लिए रोज़ मेहनत करता है।
किसी को बड़ा घर चाहिए
किसी को बड़ी गाड़ी चाहिए
चाहिए किसी को जहां की सारी खुशियां
किसी को सिर्फ पेट के लिए काम चाहिए।
*** Hindi मज़दूरी Shayari ***
कोई नयी गाड़ी मांगता है
तो कोई नया घर
हम मजदूर है साहब
हमें बस काम चाहिए।
तमन्ना हमारी भी बहुत है ज़्यादा पैसा कमाने की
लेकिन जो सुकून मेहनत की majdoori मे मिलता है
वो कहीं और नहीं।
हमेशा याद रखना एक बात
कभी ना मरना majdoor के पेट पर लात
क्युकी मजदूर घर बना सकता है
तो घर उजाड़ भी सकता है।
पैसा कितना भी हो पर ख़ुशी नहीं दे सकता
Majdoori का पैसा भले ही कम हो
लेकिन majdoor को खुश रख सकता है।
*** मजदूर पर शायरी ***
तुम क्या डराओगे उस majdoor को
जो अपने घर की फ़िक्र के लिए
दुसरो के घर पे काम करता है,
बहाता है पसीना कुछ पेसो के लिए
और मेहनत सुबह शाम करता है।
हज़ार परेशानी सेह कर भी चुप रहता है
रोज़ उसका पसीना खून की तरह बहता है
फिर भी लोग उसकी एहमियत नहीं समझते
बस इसी सोच मे मजदूर गुम सुम सा रहता है।
हज़ार सवाल किए जाते है majdoor से
कोई बड़े लोगों से सवाल क्यों नहीं करता
देते नहीं उसकी मेहनत का पैसा
फिर भी Majdoor आवाज़ तक नहीं करता।
किसी मजदूर के हक़ की बात क्यों नहीं की जाती
उसे उसकी मेहनत की कमाई क्यों नहीं दि जाती
किए जाते है ज़ुल्म हर रोज़ उसपर
उसके लिए इन्साफ की लड़ाई क्यों नहीं लड़ी जाती।
*** Majdoor shayari ***
पेसो से ज़्यादा खुशियों की भूख़ है
चले हैँ मंज़िल की तरफ पर मंज़िल अभी दूर है
हाथो से बनाए हैँ ना जाने कितने आशियाँ
जादूगर नहीं साहब हम Majdur हैँ।
जो सिर्फ भरना चाहता है अपना पेट
उसका क्या कसूर है,
उसपे अपना घर नहीं लेकिन हर घर मे शामिल
उसकी मेहनत ज़रूर है
ना जाने लोग कैसे करते हैँ ज़ुल्म उस पर
शायद उसका बस यही कसूर है की वो मजदूर है।
भूख क्या है यह सिर्फ भूखा ही समझ सकता है,
पेसो के किए कितनी मेहनत की जाती है
यह सिर्फ गरीब ही समझ सकता है,
आज कल कमाते है लोग लोगों का दिल दुखाकर
मेहनत का पैसा क्या है यह सिर्फ majdoor समझ
सकता है।
कौन नहीं चाहता की वो दुनिया जीत ले
कौन नहीं चाहता की वो सब खरीद ले
लेकिन हालात मजबूर होते हैँ
और ना जाने क्यों हालात के मारे सिर्फ
Majdoor होते है।
किसी को जहां की सारी खुशियां
बड़ा नाम चाहिए
मैं majdoor हूं साहब बस मुझे काम चाहिए।
तुम क्या तोड़ोगे उसका हौसला
जो मजदूर पहाड़ तोड़ सकता है,
भीखरे हुए घर को अपनी काबिलियत से
वो Majdoor फिर जोड़ सकता है।
Also Read :: माँ कहती है – कविता
*** मजदूर की अहमियत ***
हमेशा अधिकतर लोग मजदूर की अहमियत के बारे में कभी भी गौर नहीं करते क्योंकि यह हमें आसानी से मिल जाते हैं, और हम इन्हे कुछ पैसा देकर अपना काम करा सकते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि किसी भी देश के विकास में एक मजदूर का बहुत बड़ा योगदान होता है यदि आप अपना घर बनाना चाहते हैं और एक आलीशान घर का सपना देखते हैं तो उस सपने को पूरा करने में एक मजदूर का भी योगदान रहता है।
इस दुनिया में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो मजदूरों को उनके हक का पैसा नहीं देते हैं उनसे काम कराया जाता है और अंत में उन्हें बिना पैसा दिए ही या मारपीट कर भगा दिया जाता है जो कि बिल्कुल गलत है, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि कहीं ना कहीं हम जानते हैं कि वह हमसे लड़ने के लिए सक्षम नहीं है और वह अपने लिए आवाज नहीं उठा सकता जबकि हकीकत यह है कि मजदूरों ने इतिहास में जब भी आवाज उठाई है तो एक बड़ी क्रांति लेकर आए हैं, इसलिए मजदूर की अहमियत को समझना बहुत ज्यादा जरूरी है।
बॉलीवुड और मजदूर
असल जिंदगी में ही नहीं बल्कि बॉलीवुड के कुछ लोकप्रिय फिल्मों में भी मजदूर के किरदार को बहुत अच्छे से दिखाया गया है आप कुली नंबर वन जैसी फिल्में देखना पसंद करते होंगे क्योंकि इन फिल्मों में मजदूर की मेहनत के ऊपर प्रकाश डाला गया है और इन फिल्मों में कुछ शायरियां भी इस्तेमाल की गई है ताकि वह लोगों को और ज्यादा पसंद आए।
Majdoor shayari का इस्तेमाल
आप मजदूर शायरी का इस्तेमाल अपनी इच्छा अनुसार कर सकते हैं आप अगर मजदूर दिवस पर कोई स्पीच तैयार कर रहे हैं तो आप हमारे लेख से कुछ शायरियां अपनी स्पीच में जोड़ सकते हैं ताकि आपके बोले गए शब्द और ज्यादा आकर्षित लगे, इसके अलावा आप किसी से बातचीत के दौरान भी मजदूर शायरी का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे आपकी बात प्रभावशाली लगे।
*** Best मजदूर पर शायरी in Hindi ***
ज़िन्दगी तड़पाती है हर किसी को
देती है दर्द तकलीफेँ हर किसी को
फिर फरक नहीं पड़ता
की कौन राजा है और कौन majdoor
ज़िन्दगी सबको यह मौका नहीं देती
की आप किसी और का घर सजाए
यह मौका सिर्फ majdoor को ही दिया जाता है।
आसान नहीं है रोज़ खुद के घर का सपना देखते हुए
किसी और का घर बनाना, यह हुनर सिर्फ majdoor
के पास होता है।
*** Two line मजदूर shayari ***
अजीब सी ख़ामोशी है बस्ती मे
लगता है आज फिर मजदूरों को काम नहीं मिला
हर उदास सा दिखने वाला चेहरा majdoor का नहीं
होता, लेकिन हर मजदूर उदास ज़रूर है।
ज़रूरत क्या होती है यह majdoor से पूछो
जिनका ख्याल सिर्फ ज़रूरत के वक़्त आता है।
हम हज़ार परेशानियां क्यों ना गिना लें
लेकिन एक majdoor के आगे वो कम ही लगती है।
दुआ जब भी माँगा करो
उसमे majdoor को याद ज़रूर किया करो।
जहां से लोग अपने सपने देखना शुरू करते है
वहाँ majdoor के सपने पुरे हो जाते है।
हम क्या सिखाएंगे किसी को ज़िन्दगी का सबक
जिन्हे ज़िन्दगी हर रोज़ एक नया सबक सिखाती है।
हर एक शख्स है majdoor यहां पर
किसी की मजबूरी है तो किसी का पेशा।
कहा जाता है की सब बराबर है
लेकिन मजदूरों को बराबर का हक क्यों नहीं मिलता।
जब भी बात की जाएगी ज़ुल्मों की
Majdoor याद ज़रूर आएंगे।
अंतिम शब्द ::
आज के अपने इस लेख मे हमने आपको मजदूर की परेशानियां और उसकी एहमियत के बारे मे बताया है साथ ही हमने आपको कुछ बेहतरीन Majdoor Hindi Shayari आपके साथ साझा की है, हम उम्मीद करते हैँ आपको हमारा आज का लेख पसंद आया होगा और अगर आपको Majdur shayari पढ़ना या सुनना पसंद है तो आपको इस लेख काफ़ी Majdoor shayari पढ़ने को मिल जाएगी। आप चाहे तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा भी कर सकते है। अगर आपको हमारा लेख पसंद आया तो हम आपसे निवेदन करना चाहेंगे की इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ज़रूर शेयर करे ताकि अधिक लोगों तक मजदूर shayari पहुंच सके।
Also Read :: एकतरफा मोहब्बत वाली शायरी
Also Read :: Galatfehmi Dur Karne Wali Shayari